यह बात सही है कि मोहम्मद कोई नबी नहीं था😜
 उसके घर वाले उसके चाचा भाई भतीजी उसको क्या कहते थे  👉👉👉मोहम्मद के काफिर परिवार वाले और कबीले वाले मोहम्मद को पागल बोलते थे मोहम्मद को सनकी बोलते थे...मोहम्मद का काफ़िर परिवार :: कुरैश  कबीले के लोग और मुहम्मद साहब के परिवार लोग उनके और उनकी गढ़ी हुई कुरान के बारे में जो कहते थे वह खुद कुरान में इस तरह दिया गया है . लोग मुहम्मद साहब को इन नामों से पुकारते थे , जैसे -
1-झूठा
"तुम्हारे कबीले के लोग तुम्हें झूठा बताते हैं " सूरा -फातिर 35 :4
"यह लोग कहते हैं कि तुमने अल्लाह के नाम से झूठ बातें गढ़ रखी हैं " सूरा -अश शूरा 42 :24
" तुम खुद ही अल्लाह के नाम से कुरान रचते हो "सूरा -सबा 34 :8
2-जालसाज
" कुरान तो बस पहले लोगों की कहानियाँ ही हैं "सूरा - नहल 16 :24
" आयतें तो तुम खुद ही बनाते रहते हो " सूरा - नहल 16 :101
"यह तो एक शायर है जिसने खुद ही कुरान बना डाली है "सूरा -अल अम्बिया 21 :5
" यह तो केवल निराधार बातें है , जो तुम सवेरे शाम लोगों को सुनाते रहते हो "सूरा - अल फुरकान 25 :5
3-टोटके  बाज
"लोग कहते हैं कि यह तो खुला पाखंडी और टोटके बाज है "सूरा -यूनुस 10 :2
"यह कहता है कि तुम लोग अपने पूर्वजों के देवताओं को छोड़ कर कल्पित अल्लाह की इबादत करो . और इसने खुद कुरान बना ली है "
सूरा -सबा 34 :43
" यह तो बड़ा पाखंडी है ,क्या इसने सभी देवताओं को मिला कर एक देवता बना लिया है "सूरा -साद 38 :4

4-पागल कवि
"क्या हम इस पागल कवि के कहने पर अपना धर्म छोड़ डालें "सूरा-अस साफात -37 :36
"यह तो एक उन्मादी कवि है .हम चाहते हैं कि इसकी दुर्घटना हो जाये "सूरा - अत तूर 52 :29

5-भूत ग्रस्त  बावला
"तू झूठ कहता है कि कुरान तेरे ऊपर उतरी है ,अवश्य ही तू एक दीवाना है "सूरा -अल हिज्र 15 :6
" इसके ऊपर तो उन्माद का दौरा पड़ जाता है "सूरा -अल मोमिनून 23 :70
"यह तो पढ़ा लिखा व्यक्ति है , फिर भी बावला बनता है "सूरा -अद दुखान 44 :14
"हे मुहम्मद तुम आमने सामने बहस करो .तुरंत पता चल जायेगा कि तुम पागल हो "सूरा - सबा 34 :46
6-मुहम्मद का काफ़िर परिवार
कुरैश के लोगों की तरह मुहम्मद साहब के सभी चाचा (Uncles ) और चाचियों  (Aunties )ने कभी मुहम्मद साहब को अल्लाह का रसूल नहीं माना .बल्कि एक पाखंडी , ढोंगी और झूठा ही मानते रहे .और न मुहम्मद साहब की झूठी कुरान को पढ़ा और न सुना .और घर के अधिकांश लोग कभी मुसलमान नहीं बने .और न कभी नमाज प.
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