
1मुसलमानों का दावा है कि कुरान अल्लाह की
किताब है ,लेकिन कुरान में बच्चों की खतना करने का
हुक्म नहीं है , फिर भी मुसलमान खतना क्यों कराते है ?
क्या अल्लाह में इतनी भी शक्ति नहीं है कि मुसलमानों
के खतना वाले बच्चे ही पैदा कर सके ?और कुरान के
विरद्ध काम करने से मुसलमानों को काफ़िर क्यों नहीं
माना जाए ?
2-मुसलमान मानते हैं कि अल्लाह ने फ़रिश्ते के हाथो
कुरआन की पहली सूरा लिखित रूप में मुहम्मद को दी थी
, लेकिन अनपढ़ होने से वह उसे नहीं पढ़ सके , इसके अलावा
मुसलमान यह भी दावा करते हैं कि विश्व में कुरान
एकमात्र ऐसी किताब है जो पूर्णतयः सुरक्षित है , तो
मुसलमान कुरान की वह सूरा पेश क्यों नहीं कर देते
जो अल्लाह ने लिख कर भेजी थी , इस से तुरंत पता हो
जायेगा कि वह कागज कहाँ बना था ? और अल्लाह की
राईटिंग कैसी थी ?वर्ना हम क्यों नहीं माने कि जैसे
अल्लाह फर्जी है वैसे ही कुरान भी फर्जी है
3. इस्लाम के मुताबिक यदि 3 दिन/माह का बच्चा मर जाये
तो उसको कयामत के दिन क्या मिलेगा.-जन्नत या जहन्नुम ?
और किस आधार पर ??
4. मरने के बाद जन्नत में पुरुष को 72 हूरी (अप्सराए)
मिलेगी...तो स्त्री को क्या मिलेगा...... 72 हूरा (पुरुष
वेश्या) .??और अगर कोई बच्चा पैदा होते ही मर जाये तो
क्या उसे भी हूरें मिलेंगी ? और वह हूरों का क्या करेगा ?
5.- यदि मुसलमानों की तरह ईसाई , यहूदी और हिन्दू
मिलकर मुसलमानों के विरुद्ध जिहाद करें , तो क्या
मुसलमान इसे धार्मिक कार्य मानेंगे या अपराध ? और
क्यों ?
6- .यदि कोई गैर मुस्लिम (काफ़िर) यदि अच्छे गुणों वाला हो
तो भी. क्या अल्लाह उसको जहन्नुम की आग में झोक देगा....?
और क्यों ?और, अगर ऐसा करेगा तो.... क्या ये अन्याय नहीं
हुआ ??
7. कुरान के अनुसार मुहम्मद सशरीर जन्नत गए थे , और वहां
अल्लाह से बात भी की थी , लेकिन जब अल्लाह
निराकार है , और उसकी कोई इमेज (छवि) नहीं है तो..मुहम्मद
ने अल्लाह को कैसे देखा ??और कैसे पहिचाना कि यह
अल्लाह है , या शैतान है ?
8- मुसलमानों का दावा है कि जन्नत जाते समय
मुहम्मद ने येरूसलम की बैतूल मुक़द्दस नामकी मस्जिद में
नमाज पढ़ी थी ,लेकिन वह मुहम्मद के जन्म से पहले ही
रोमन लोगों ने नष्ट कर दी थी . मुहम्मद के समय उसका
नामो निशान नहीं था , तो मुहम्मद ने उसमे नमाज कैसे
पढ़ी थी ? हम मुहम्मद को झूठा क्यों नहीं कहें ?
9-.अल्लाह ने अनपढ़ मुहम्मद में ऐसी कौनसी विशेषता
देखी . जो उनको अपना रसूल नियुक्त कर दिया ,क्या
उस समय पूरे अरब में एकभी ऐसा पढ़ालिखा व्यक्ति नहीं
था , जिसे अल्लाह रसूल बना देता , और जब अल्लाह
सचमुच सर्वशक्तिमान है , तो अल्लाह मुहम्मद को 63
साल में भी अरबी लिखने या पढने की बुद्धि क्यों
नहीं दे पाया
10 .जो व्यक्ति अपने जिहादियों की गैंग बना कर जगह
जगह लूट करवाता हो , और लूट के माल से बाकायदा
अपने लिए पाँचवाँ हिस्सा (20 %० ) रख लेता हो , उसे उसे
अल्लाह का रसूल कहने की जगह लुटरों का सरदार क्यों
न कहें ?
इस्लाम की सच्चाई - शांति का धर्म - कुरान में इन सब बातों का जिक्र किया गया है....
1- काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो और मौक़ा मिलने पर सर काट दो .(सूरा अनफाल - 8 : आयत 112)
2 - काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो . “अगर काफिरों से मुकाबला हो, तो उनकी गर्दनें काट देना, उन्हें बुरी तरह कुचल देना. फिर उनको बंधन में जकड लेना. यदि वह फिरौती दे दें तो उन पर अहसान दिखाना, ताकि वह फिर हथियार न उठा सकें. (सूरा मुहम्मद - 47 : आयत 14)
3 - गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना . ‘मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना, उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते (सूरा तौबा - 9 : आयत 5).
4 - हरदम लड़ाई की तैयारी में लगे रहो. “तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो. ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें. जिनके बारे मे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं. अल्लाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा. (सूरा अन फाल - 8 : आयत 60)
5 - लूट का माल हलाल समझ कर खाओ. “तुम्हें जो भी लूट में माले-गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ और अपने परिवार को खिलाओ .(सूरा अन फाल - 8 : आयत 69).
6 - लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा . “तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले, उसमे पांचवां हिस्सा रसूल का होगा. (सूरा अन फाल - 8 : आयत 40).
7 - इतनी लड़ाई करो कि दुनिया मे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे. “यहां तक लड़ते रहो, जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये. केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे. (सूरा अन फाल - 8 :आयत 39).
8 - अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ . “मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो, अगर तुमने अल्लाह की कसम तोड़ दी, तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो .(सूरा अल मायदा - 5 : आयत 89).
9 - इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी . “यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो .(सूरा अन नहल - 16 : आयत 106).
10 - जो मुहम्मद का आदर न करे उसे भारी यातना दो “जो अल्लाह के रसूल की बात न माने, उसका आदर न करें उसको अपमानजनक यातनाएं दो . (सूरा अल अहजाब - 33 : आयत 57).
11- मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हत्यारे हैं . “अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं, इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं. अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है. अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके. (सूरा अत तौबा - 9 : आयत 111).
12 - जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा, जहन्नम में जाएगा. “अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है. जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे. (सूरा अल बकरा - 2: आयत 217)..
13 - जो अल्लाह की राह में हिजरत न करे उसे क़त्ल कर दो. जो अल्लाह कि राह में हिजरत न करे और फिर जाए, तो उसे जहां पाओ पकड़ो और क़त्ल कर दो .(सूरा अन निसा - 4 : आयत 89).
14 - काफिरों के साथ चाल चलो . “मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट दे दो ताकि वह धोखे में रहें (अत ता.सूरा रिक - 86 : आयत 16 ,17) ( इस्लाम में काफ़िर " गैर मुस्लिमों " को कहते हैं। )
भाइयों यही है सच्चाई इस्लाम की जिसे मानने वालों ने पुरे विश्व में कोहराम और आतंक मचा रखा है। इन सब बातों की पुष्टि के लिये गूगल सर्च कर लें।