इस्लाम तब भी इंसान को जानवार और मानसिक गुलाम बना कर बहुत ही गलीज़ भोगेड़े लुटेरे शरणार्थी की जिंदगी दी और आज भी दे रहा है. इस्लाम इंसान को कभी भी अच्छी जिंदगी नहीं दे सकता. देख लो मुसलमान की हालत बताने के लिए शबद्कोष के शब्दों की कमी हो जाएगी इनकी बादतर हालत बयान नहीं कर सकते. पाकिस्तानी इस्लाम के शिकार का जीता जागता उदाहरण है.

 मुस्लमान का हलाला बलात्कार निकाह बलात्कार रिश्ते का बलात्कार औरत को टेंट में ढकने का बलात्कार इंसानी सोच की स्वतंत्रता पर रोक का बलात्कार, बहु विवाह और दरज़नो बच्चे पैदा करने का अपराध, कफिर करार देकर एक दूसरे को मारने का अपराध, ईशनिंदा और मूर्तद जैसे हिंसक अमानवीय शारिया कानून का सैकरो सबूत दे सकता हू.

तूने मेरी एक बात को भी सबूत से काटा नहीं की आज रोहइंगया समेत 7 करोड़ मुस्लिम refugees नहीं है दुनिया भर में? पिछले 20 सालों में में पाकिस्तान में ओसामा समेत 4 करोड़ मुस्लिम नहीं मारे गए?
समझदार इंसान इस्लाम को छोड़कर जा रहे हैं. और आगे मदरसा का तोता ग्यान बकने के पहले मौलवी से पूछ लेना एक ऐसा इंसान का नाम बता दे जिसको तुम सब मुस्लिम गर्व से केह सको ये है सचा मुसलमान. मुहम्मद का नाम मत ले लेना. क्यु कि वो क्रिमिनल था और अगर आज के दिन ज़िंदा होता तो जेल मे होता. और इसलिए मुसलिम इस्लाम छोड़ इंसान बन रहे हैं..
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